विंटेज ट्रैक्टर : भारत की हरित क्रांति का प्रतीक

रूस से विंटेज ट्रैक्टर (पूर्व सोवियत संघ) डीटी -14 और बेलारूस- लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में शुरू हुए वार्षिक सारस मेला में प्रमुख आकर्षन रहे |

कई लोगों ने 1960 और 70 के दशक में हरित क्रांति के समय इन ट्रैक्टरों का व्यापक रूप से उपयोग किया था जब भारत ने कृषि उपज बढ़ाने के लिए आधुनिक तरीकों को अपनाने की शुरवात की थी |

पंजाब पुलिस के सेवानिवृत्त अधिकारी पवन कुमार ने कहा कि, दो ट्रैक्टर - डीटी 14 और डीटी -28 जो बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए गए थे जब राज्य में हरित क्रांति शुरू हुई थी। ट्रैक्टरों को रूस से लाया गया था और उस समय 12,000 रुपये का खर्च आया था। हमने इसे 1958 में खरीदा था और 12 साल से अधिक के लिए इसका इस्तेमाल किया |

डीटी -14 ट्रैक्टर किफायती था क्योंकि यह बेलारूस की तुलना में सस्ता था, जो ज्यादातर अमीर जमींदारों द्वारा इस्तेमाल किया गया था | डीटी -14 खपत के मामले में भी किफायती था और इसके अलावा बहुत बलशाली था | अगर डीटी 14 ट्रैक्टर की आपूर्ति जारी रहेगी तो यह अन्य ट्रैक्टरों को पीछे छोड़ सकता था जो आजकल बाजार में देखा जाता है, ऐेसा कुमार का मानना हैं |

Source: http://www.hindustantimes.com